


मिजोरम एचआईवी के गंभीर संकट से जूझ रहा है। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इस साल जनवरी से जुलाई के बीच इस वायरस से 259 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इसी अवधि में 611 नए संक्रमणों का पता चला है। एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी केंद्रों द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में 2020 से अब तक 2,996 लोग एचआईवी के कारण दम तोड़ चुके हैं। वर्ष 2023 में सबसे अधिक 632 मौतें दर्ज की गई थीं। वहीं 2022 में 562 मौतें हुई थीं। जुलाई के अंत तक मिजोरम में 19,837 लोग एचआईवी से ग्रसित थे। इनमें से 18,694 वर्तमान में एआरटी केंद्रों में इलाज करा रहे हैं, जबकि 1,143 उपचार नेटवर्क से बाहर हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस अंतर के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया, जैसे मरीजों द्वारा इलाज शुरू करने में आनाकानी, मरीजों का दूर चले जाना और उनका पता न चल पाना, कुछ मामलों में डॉक्टरों द्वारा दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव के कारण इलाज रोक देना, और कुछ मामलों में चमत्कारी उपचार के विश्वास के कारण इलाज बंद कर देना। एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्रों (आईसीटीसी) ने बताया कि 2020 से राज्य में 11,032 एचआईवी पॉजिटिव मामलों की पहचान की गई है, जिनमें से 2,388 अकेले वित्तीय वर्ष 2022-2023 में ही पाए जाए गये थे।