


भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की बातचीत रुक गई है। ऐसा क्यों हुआ, इसके पीछे कई कारण हैं। पहले तो दोनों देशों के अधिकारी एक समझौते को लेकर बहुत आशावादी थे। भारत के अधिकारियों को लग रहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद इस समझौते की घोषणा करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अब स्थिति यह है कि अमेरिका ने भारत से आने वाले सामान पर 25% टैक्स लगा दिया है। इसके साथ ही, रूस से तेल खरीदने पर भी कुछ पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। वहीं, ट्रंप ने जापान और यूरोपीय संघ के साथ बड़े समझौते कर लिए हैं। उन्होंने पाकिस्तान को भी बेहतर शर्तों की पेशकश की है।
क्यों टूटा समझौता?
राजनीतिक गलतियों, गलत संकेतों और कड़वाहट के कारण यह समझौता नहीं हो पाया। भारत और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। दोनों देशों के बीच 190 अरब डॉलर से ज्यादा का व्यापार होता है। भारत को लग रहा था कि व्यापार मंत्री पीयूष गोयल के अमेरिकी दौरे और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस के दिल्ली दौरे के बाद सब ठीक हो जाएगा। भारत ने समझौते को पूरा करने के लिए कई रियायतें भी दी थीं।
भारत ने अमेरिका से आने वाले औद्योगिक सामानों पर टैक्स हटाने का प्रस्ताव दिया था। ये सामान अमेरिका के निर्यात का 40% हिस्सा हैं। भारत, अमेरिका से कारों और शराब पर भी टैक्स कम करने को तैयार था। इसके साथ ही, भारत अमेरिका से ज्यादा ऊर्जा और रक्षा सामान खरीदने के लिए भी तैयार था। यह वाशिंगटन की मुख्य मांग थी।