


चीन की धमकियों से निपटने के लिए खुद को तैयार कर रहे जापान ने दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पहली बार बड़ा कदम उठाया है। जापान अब ऑस्ट्रेलिया को अपना अत्याधुनिक मोगामी क्लास का फ्रीगेट देने जा रहा है। दूसरेविश्वयुद्ध के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब जापान कोई युद्धपोत निर्यात करने जा रहा है। जापान और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही क्वॉड के सदस्य देश हैं जिसे चीन पर लगाम लगाने के लिए बनाया गया है। जापान और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही देश अपनी सीमा पर चीनी सेना की बढ़ती गतिविधियों का सामना कर रहे हैं। चीन दोनों को ही धमकाने में जुटा हुआ है। जापानी मीडिया के मुताबिक रॉयल ऑस्ट्रेलियन नवी के अगले युद्धपोत को लेकर आयोजित प्रतियोगिता में जापानीयुद्धपोत को चुना गया। जापान ऑस्ट्रेलिया को कुल 11 युद्धपोत देगा जो लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों से लैस होंगे। यह दोनों के बीच अब तक कासबसे बड़ा रक्षा समझौता है।
दूसरे विश्वयुद्ध के समय बड़ी सैन्य ताकत रह चुका जापान पिछले एक दशक से रक्षा क्षेत्र में जमकर पैसा खर्च कररहा है। जापान ने अपने रक्षा बजट को काफी बढ़ा दिया है। जापान को डर लग रहा है कि ताइवान के बाद चीन उसका शिकार कर सकता है। जापान, अमेरिका, फिलीपीन्स और ऑस्ट्रेलिया मिलकर चीन के खिलाफ एक गठजोड़ बना रहे हैं। अमेरिका ने भी अपने गुआम मिलिट्री बेस को मजबूत किया है। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने बताया कि जापानी युद्धपोत ऑस्ट्रेलियाई नेवी के 8 वर्तमान एनजाक क्लास वारशिप की जगह लेंगे। ये नए जापानी युद्धपोत 18,520 किमी तक ऑपरेशन कर सकेंगे। ये साल 2030 तक सेवा में आ जाएंगे। इन्हें रडार से पकड़ पाना भी मुश्किल होगा। इसमें 32 एयर डिफेंस मिसाइलें भी लगी होंगी।