


कोरोना के बाद चीन में चिकनगुनिया का प्रकोप जारी हुआ है। यहां के गुआंग्डोंग शहर में तकरीबन 7000 चिकनगुनिया के मरीज पाए गए हैं। हालांकि, चीन के फोहशान शहर में भी चिकनगुनिया को लेकर अलर्ट जारी हुआ है। यहां के मरीजों को अस्पताल में तबतक रहने के निर्देश दिए गए हैं जब तक उनकी मेडिकल रिपोर्ट नेगेटिव न आ जाए। रविवार को एक नोटिस भी जारी किया गया है जिसके तहत शहर के सभी फार्मा स्टोर्स को भी चिकनगुनिया की दवा लेने वाले लोगों की सूची बनाने का आदेश दिया गया है।
आंकड़ों से पता चलता है कि चीन में 70% इलाके अभी चिकनगुनिया से प्रभावित है। साथ ही, हांगकांग में एक ऐसा संक्रमित मिला है जो एक शहर से दूसरे शहर में ट्रांसफर हुआ है। ऐसे में इस बात की संभावनाएं जताई जा रही है कि कोरोना की तरह यह भी फैलने न लग जाए।
क्या है चिकनगुनिया?
चिकनगुनिया एक वायरल फीवर है, जो मच्छरों से होता है। इसमें एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस नामक मच्छर इंसानों को काटते हैं। यह बुखार मुख्यत: बरसात के मौसम में ही लोगों को प्रभावित करती है। हालांकि, भारत में यह बुखार पहले से ही सक्रिय रहता है, ऐसे में इसके प्रकोप को यहां फैलने से रोकना बहुत अहम हो गया है। चीन में चिकनगुनिया का असर कम होता है।
कैसे होते हैं चिकनगुनिया के लक्षण?
चिकनगुनिया होने पर लोगों को जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है। यह पहला लक्षण है इस बुखार का। इसके बाद हाथों में दर्द और शरीर में अकड़न महसूस होने लगती है। कलाई, एड़ियो और घुटनों में दर्द होना। इसके साथ थकान और स्किन में लाल रंग के चकत्ते दिखाई देना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।