


दूसरे विश्वयुद्ध से पहले तक जापान की ज्यादातर कंपनियां एडवांस हथियार बनाने में माहिर थीं। लेकिन दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जापान ने जंग से तौबा कर ली। हथियार बनाने वाली कई जापानी कंपनियों ने टेक्नोलॉजी में कमाल करना शुरू कर दिया। लेकिन अब जबकि फिर से जियो-पॉलिटिकल हालात बदल रहे हैं तो जापान एक बार फिर से हथियारों के निर्माण में काम करने मैदान में उतर चुका है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक अब भारत, जापान के साथ संभावित एयरोस्पेस, खासकर एडवांस लड़ाकू विमान इंजन में सहयोग करने के लिए आगे बढ़ सकते है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले से परिचित लोगों ने संकेत दिया है कि फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के साथ साथ भारत जापान के भी संपर्क में है, ताकि एडवांस लड़ाकू विमानों की इंजन का निर्माण किया जा सके। भारत की कोशिश ट्विन इंजन फाइटर प्रोजेक्ट्स के लिए हाई परफॉर्मेंस इंजन का को-प्रोडक्शन करना है।
अमेरिका को बाय बाय बोल सकता है भारत
दरअसल अमेरिका के साथ जून 2023 में भारत ने GE F414 इंजन के घरेलू उत्पादन के लिए समझौता किया था। इस समझौते के तहत 80% तक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर शामिल है, लेकिन मौजूदा भू-राजनीतिक हालात ने अमेरिका को लेकर भारत के विश्वास को बुरी तरह से कुचल दिया है। ऐसे में भारत नये ऑप्शंस की तलाश कर रहा है।