


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के आखिर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन का दौरा कर सकते हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी पक्ष ने आधिकारिक तौर पर पीएम मोदी की यात्रा को लेकर पुष्टि नहीं की है लेकिन सरकार के सूत्रों का कहना है कि शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर तैयारियां चल रही हैं। एससीओ शिखर सम्मेलन चीन के तियानजिन में 31 अगस्त-1 सितम्बर को हो रहा है, जिसकी मेजबानी शी जिनपिंग करने वाले हैं।
पीएम मोदी के संभावित दौरे की खबर के साथ भारत-चीन के संबंधों को फिर से बेहतर करने पर जोर दिया है। इसमें अमेरिकी पत्रिका द डिप्लोमैट की टिप्पणी का हवाला दिया गया कि अब समय आ गया है कि दोनों पड़ोसी एक और दौर की बातचीत की संभावना तलाशें। इसमें कहा गया है कि चीन और भारत मिलकर दुनिया की एक तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं और दोनों की अर्थव्यवस्थाएं और उनका प्रभाव बढ़ रहा है।
भारत और चीन को बताया साझेदार
भारत और चीन के संबंधों में उतार 2020 में गलवान में सीमा संघर्ष के बाद आया, जिसके बाद रिश्तों में लंबे समय तक उदासी रही। अक्टूबर 2024 में कजान में चीनी और भारतीय नेतृत्व के बीच बैठक ने संबंधों को फिर से शुरू करने की नींव रखी। ग्लोबल टाइम्स ने इन घटनाक्रमों का जिक्र किया और कहा कि चीन और भारत एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं बल्कि विकास का अवसर हैं। प्रतिस्पर्धी नहीं बल्कि सहयोगी साझेदार हैं।