तारों की दुनिया यानी खगोल विज्ञान में दिलचस्पी रखने वालों को मंगलवार, 21 जनवरी को आसमान में एक दुर्लभ नजारा देखने को मिलेगा। अंतरिक्ष में छह ग्रह एक साथ आ रहे हैं, जिसे ग्रहों का संरेखण (प्लेनेट परेड) कहा जा रहा है। पिछले हफ्ते शुक्र और शनि के मिलन के बाद अब छह ग्रह एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं। इस तरह के ग्रहों के संरेखण दुर्लभ होते हैं। इसे देखने का सबसे अच्छा समय शाम को सूरज छिपने के 45 मिनट बाद होगा। इसे तीन घंटे तक देखा जा सकेगा, जब तक कि शुक्र और शनि पश्चिमी क्षितिज से नीचे नहीं डूब जाएंगे। ग्रहों का यह संरेखण भारत में भी देखा जा सकेगा, जिसमें शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, नेपच्यून और यूरेनस शामिल हैं। हालांकि नेपच्यून और यूरेनस को बिना दूरबीन के नहीं देखा जा सकेगा। पिछली ग्रह परेडों में प्रमुख ग्रहों, जैसे शनि, बृहस्पति, मंगल और शुक्र का संरेखण देखा गया। इस दफा नेपच्यून और यूरेनस जैसे ग्रह भी इस परेड में दिखाई देंगे।
क्यों खास है ये खगोलीय घटना
ग्रहों की परेड या ग्रहों का संरेखण तब होता है, जब एक से अधिक ग्रह पृथ्वी के समानांतर एक रेखा में दिखाई देते हैं। ऐसा तब होता है, जब सभी ग्रह सूर्य के एक ही तरफ होते हैं। हालांकि ये ग्रह वास्तव में एक सीधी रेखा में नहीं होते हैं लेकिन पृथ्वी की अपनी कक्षा में स्थिति के चलते वे आकाश के एक ही हिस्से में दिखाई देंगे। नासा के अनुसार, इस पूरे महीने अंधेरा होने के बाद दक्षिण-पश्चिम में शुक्र और शनि को पहले कुछ घंटों तक देखा जा सकेगा।