


भादौ मास शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर आज शुक्रवार सुबह भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल के दरबार में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों भक्त देर रात से ही लाइन में लगकर अपने ईष्टदेव बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहे। वहीं, भक्तों को दर्शन देने के लिए बाबा महाकाल भी आज सुबह 4 बजे जागे। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर "जय श्री महाकाल"के जयघोष से गुंजायमान हो उठा।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भादौ मास शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर शुक्रवार सुबह 4 बजे भस्म आरती संपन्न हुई। इस दौरान वीरभद्र जी से आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। पट खुलते ही पंडे-पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का पूजन किया।
इसके बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर, पंचामृत और फलों के रस से किया गया। पूजन के दौरान प्रथम घंटाल बजाकर हरि-ओम का जल अर्पित किया गया। पुजारियों और पुरोहितों ने इस अवसर पर बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया। कपूर आरती के बाद भगवान महाकाल को नवीन मुकुट और फूलों की माला धारण कराई गई।
महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल के शिवलिंग पर भस्म अर्पित की गई। आज की भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल को बेलपत्र और चंद्र लगाकर विशेष श्रृंगार किया गया। इस दिव्य दर्शन का लाभ हजारों श्रद्धालुओं ने लिया और "जय श्री महाकाल" के जयघोष से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा।