


भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने साफ कहा है कि यदि बीजेपी की कमान वास्तव में RSS के हाथ में होती, तो नए अध्यक्ष के चयन में इतना समय नहीं लगता।
कार्यकाल विस्तार के बाद भी नहीं हुआ अध्यक्ष का चयन
बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो चुका है, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव और संगठन की व्यस्तताओं को देखते हुए उन्हें दो बार कार्यकाल विस्तार दिया गया। अब पार्टी के लिए नए नेतृत्व का चयन आवश्यक हो गया है।
RSS और बीजेपी का रिश्ता: मार्गदर्शन या नियंत्रण?
मोहन भागवत ने स्पष्ट किया कि RSS केवल वैचारिक मार्गदर्शन करता है और बीजेपी के रोजमर्रा के कामकाज में दखल नहीं देता। उन्होंने कहा, "हमारे बीच कोई झगड़ा नहीं है। फैसले बीजेपी को ही लेने हैं।"
विपक्ष के आरोपों का खंडन
बीजेपी के फैसलों को RSS के इशारे से जोड़ने वाले विपक्ष के आरोपों को भागवत ने खारिज करते हुए कहा कि RSS अपने स्वयंसेवकों पर भरोसा करता है और कोई भी निर्णय सामूहिक रूप से लिया जाता है।
बीजेपी के लिए 2024 लोकसभा चुनाव की चुनौतियां
2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत न मिलने के बाद बीजेपी ने गठबंधन सरकार बनाई है। ऐसे में नए अध्यक्ष का चयन पार्टी की सियासी रणनीति के लिए अहम माना जा रहा है।