


2027 में होने वाली जनसंख्या जनगणना की तैयारियां शुरू हो गई है। रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना कमिश्नर द्वारा राज्यों में जनगणना कार्य निदेशालयों को सूचित किया गया है कि जनसंख्या जनगणना 2027 से पहले एक ट्रायल किया जाना है। यह ट्रायल इस साल अक्टूबर और नवंबर में सभी राज्यों में आयोजित किया जाएगा।
सरकार द्वारा कराए जा रहे इस ट्रायल में कर्मचारियों को बताया जाएगा कि जनगणना कैसे की जाएगी। इसमें सवाल कैसे होंगे, डेटा कैसे इकट्ठा किया जाएगा और लोगों को कैसे ट्रेनिंग दी जाएगी। यह भारत के इतिहास में पहली बार होगा कि जब जनगणना के आंकड़े डिजिटल रूप में होंगे और आजाद भारत के इतिहास में पहली बार लोगों से जाति पूछी जाएगी। हालांकि सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट नहीं करेगी।
दो चरणों में होगी जनसंख्या जनगणना
एक अप्रैल 2026 और 28 फरवरी 2027 के बीच दो चरणों में जनसंख्या जनगणना होगी। पहला चरण HLO यानी मकान सूचीकरण, जिसमें घरों की लिस्टिंग होगी। दूसरा चरण जनसंख्या की गिनती है। जनसंख्या जनगणना से पहले सरकार ट्रायल कराना चाहती है। ट्रायल में यह देखा जाएगा कि क्या सवाल ठीक हैं, डेटा कैसे इकट्ठा करना है, ट्रेनिंग कैसी देनी है, और डेटा की क्वालिटी कैसी है।
2021 में होनी थी जनगणना
इससे पहले जनगणना 2021 में होनी थी लेकिन कोविड-19 की वजह से इसे टाल दिया गया। 2019 में भी एक ट्रायल हुआ था। जिसमें 36 राज्यों के 76 जिलों के 26 लाख से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था। उस ट्रायल में घरों की जानकारी और एनपीआर के बारे में सवाल पूछे गए थे। इस बार होने वाले ट्रायल में सिर्फ पहले चरण के सवाल पूछे जाएंगे। जाति के बारे में पूछताछ नहीं की जाएगी।