


बिहार के दरभंगा में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माता को लेकर कथित अभद्र टिप्पणी सामने आने के बाद सियासत गरमा गई है। शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे "अत्यंत अशोभनीय" बताते हुए सार्वजनिक रूप से अपनी असहमति जताई।
मुख्यमंत्री ने एक्स (X) पर जताई नाराजगी
सीएम नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा - दरभंगा में 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान कांग्रेस और राजद के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी स्वर्गीय माता के खिलाफ जिस प्रकार की अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है, वह अत्यंत अशोभनीय है और मैं इसकी निंदा करता हूं।
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय भी हमलावर
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा - राजद और कांग्रेस ने बिहार के गौरव और सम्मान को धूमिल किया है। सीता माता की पावन धरती पर एक मां का अपमान करना घोर अपराध है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारतीय संस्कृति में "मां" को देवी का दर्जा प्राप्त है, और इस प्रकार की भाषा समाज की मर्यादाओं के विरुद्ध है।
राजनीतिक मर्यादा और संस्कृति का सवाल
नित्यानंद राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विवेकानंद की उस भविष्यवाणी को पूरा कर रहे हैं जिसमें 21वीं सदी के भारत को भूख, बेघरपन और अशिक्षा से मुक्त बताया गया था। इसके बावजूद विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री और उनकी मां के लिए की गई अभद्र टिप्पणियाँ भारतीय संस्कृति और लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत हैं।
क्या कहते हैं जानकार?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना बिहार की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे सकती है। व्यक्तिगत टिप्पणियों की जगह मुद्दों पर आधारित राजनीति की अपेक्षा की जा रही है, लेकिन भाषाई मर्यादा का उल्लंघन आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है।
मामले की संभावित परिणति
सत्तापक्ष द्वारा इस मामले को लेकर विरोध तेज किया जा सकता है।
विपक्ष पर नैतिक दबाव बढ़ेगा कि वे अपने नेताओं की भाषा पर नियंत्रण रखें।
चुनाव आयोग की नज़र भी इस प्रकरण पर जा सकती है।