रत्नों को रत्न यूं ही नहीं कहा जाता है। इनमें कुछ खास तत्व और क्षमताएं होती हैं जो इन्हें आम पत्थरों से अलग बनती हैं और इन्हें रत्न नाम दिलाती है। विज्ञान भी मानता है कि रत्नों में चुम्बकीय क्षमता होती हैं जो संबंधित ग्रह की ऊर्जा को अवशोषित करके रत्न धारण करने वाले को लाभ दिलाती है। ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों से संबंधित अलग-अलग रत्नों का नाम लिया जाता है लेकिन कुछ ऐसे रत्न हैं जो बहुत तेजी से प्रभाव दिखाते हैं और व्यक्ति की किस्मत और जिंदगी पर असर डालते हैं। यहां हम ऐसे ही प्रभावशाली पांच रत्नों का जिक्र कर रहे हैं, जो व्यक्ति पर तुरंत असर दिखाते हैं।
पुखराज रत्न
गुरु ग्रह के शुभ फलों को दिलाने वाला रत्न पुखराज माना जाता है। जिनकी कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर है, गुरु वक्री हैं, गुरु कुंडली में नवम भाव में, प्रथम भाव में बैठे हैं या जिनकी राशि धनु या मीन है उन्हें पुखराज धारण करना शुभ फलदायी होता है। गुरु का यह रत्न स्वास्थ्य के साथ ही साथ भाग्य, वैवाहिक जीवन और धन संबंधी परेशानियों में भी लाभकारी माना जाता है।
नीलम
कर्म और भाग्य को प्रभावित करने वाले ग्रह शनि का संबंध नीलम रत्न से माना जाता है। नीलम नीले रंग का रत्न होता है जिसे बेहद प्रभावशाली और चमत्कारी माना जाता है। कहते हैं नीलम जिस व्यक्ति को देने पर आ जाए उसे कुछ ही दिनों में रंक से राजा बना देता है। जिस व्यक्ति के कर्म स्थान यानी कुंडली के दसवें भाव में शनि उच्च के, स्वराशि में यानी मकर, कुंभ में बैठे हों, भाग्य स्थान यानी कुंडली के नवम में शनि विराजमान हों उन्हें नीलम धारण करना फलता है। ऐसे लोगों को नीलम मेहनत और किस्मत का फल तुरंत देता है।
पन्ना
हरे रंग का रत्न पन्ना बुध से संबंधित होता है। शिक्षा, कला, लेखन, व्यापार, शेयर के काम से जुड़े लोगों के लिए पन्ना बहुत ही प्रभावशाली होता है। बुध जिनकी कुंडली में सातवें घर में कमजोर होता है उनके लिए पन्ना धारण करना वैवाहिक जीवन के लिए लाभकारी होता है। मिथुन और कन्या लग्न हो या जिनकी यह राशि हो। भाग्य और धन स्थान यानी कुंडली के नवम और दूसरे घर में बुध बैठे हों तो पन्ना धारण करना धन के मामले में लाभकारी माना गया है। कुंडली का पंचम स्थान किसी कारण से अनुकूल नहीं हो तो शिक्षा एवं प्रेम संबंध में परेशानी आती है इस स्थिति में भी पन्ना धारण करना शुभ फलदायी होता है।
माणिक्य
सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है। सूर्य का रत्न ज्योतिषशास्त्र में माणिक्य को बताया गया है। माणिक्य के बारे में कहा जाता है कि यह रत्न राजकीय क्षेत्र, राजनीति में सफलता दिलाता है। इसे धारण करने वाले को रत्न आने वाले संकट का संकेत पहले ही दे देता है ऐसी मान्यता है। कहते हैं कि गुलाबी और लाल रंग का दिखने वाले इस रत्न का रंग तब फीका होने लगता है जब कोई कठिनाई आने वाली होते ही। रक्त संबंधी रोग, आजीविका, मान-सम्मान के लिएयह रत्न बहुत ही प्रभावशाली होता है। लेकिन जिनकी कुंडली में सूर्य तीसरे, छठे, आठवें या 12 वें घर में बैठा हो उसे माणिक्य धारण नहीं करना चाहिए। वैसे मेष, वृश्चिक, धनु और कर्क राशि वालों के लिए माणिक्य शुभ रहता है।
हीरा
हीरा को यूं ही नहीं कहते हैं हीरा है सदा के लिए दरअसल हीरा ऐसा रत्न है जो शुक्र के शुभ फलों को दिलाने का काम करता है। इस रत्न को वैवाहिक जीवन में प्रेम और आनंद को बढ़ाने वाला माना जाता है। भौतिक सुखों में वृद्धि के लिए भी यह रत्न कारगर माना जाता है। लेकिन महिलाओं को संतान की इच्छा हो तो विवाह के बाद जब तक संतान ना हो जाए इसे धारण नहीं करना चाहिए। संतान प्राप्ति में कई परेशानियां आती हैं। जिनकी राशि तुला, वृष, मिथुन, मकर है उनके लिए हीरा लाभकारी होता है। एक और बात ध्यान रखने योग्य है कि शुक्र अगर सूर्य तीसरे, छठे, आठवें या 12 वें स्थान में कुंडली में बैठे हों तो हीरा धारण करने से बचना चाहिए इससे रिश्तों में तनाव बढ़ता है। भौतिक सुख भी प्रभावित होता है।