जबलपुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ CBI की टीम ने बड़ी कार्रवाई की। केंद्रीय GST (CGST) विभाग के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में छापेमारी के दौरान CBI ने इंस्पेक्टर सचिन खरे और अधीक्षक मुकेश बर्मन को चार लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी नर्मदा रोड स्थित बिग बाजार के पास की गई, जिससे पूरे जीएसटी डिवीजन कार्यालय में हड़कंप मच गया।
मिली जानकारी के अनुसार, मामला होटल व्यवसायी विवेक त्रिपाठी से जुड़ा है। उनके ओयो ट्रांजेक्शन को लेकर केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों ने आपत्ति जताई थी। अधिकारियों ने कथित गड़बड़ी बताकर होटल व्यवसायी पर लगभग एक करोड़ रुपए की रिकवरी निकाल दी थी। इस रिकवरी को कम या समाप्त करने के एवज में अधिकारियों ने सीए के माध्यम से 10 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की।
होटल व्यवसायी ने इस घूस की मांग से परेशान होकर CBI में शिकायत दर्ज कराई। CBI ने शिकायत की प्राथमिक जांच की, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद टीम ने योजनाबद्ध ट्रैप कार्रवाई की। बुधवार शाम को रिश्वत की पहली किस्त के रूप में चार लाख रुपए देने का समय तय किया गया और होटल व्यवसायी को नर्मदा रोड स्थित बिग बाजार के सामने बुलाया गया।
होटल व्यवसायी द्वारा तय स्थान पर पैसे देने के दौरान CBI टीम ने सचिन खरे को रंगे हाथ पकड़ लिया। इसी बीच अधीक्षक मुकेश बर्मन भी मौके पर पहुंचे, जिन्हें भी CBI ने हिरासत में लिया। दोनों अधिकारियों के पास से रिश्वत की रकम जब्त की गई।