


प्रशासनिक दायित्व निभाने और जमीनी हकीकत से सीधे जुड़ने की एक मिसाल विदिशा जिले से सामने आई है। जिले के कलेक्टर अंशुल गुप्ता ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं का प्रत्यक्ष अवलोकन करने के लिए दौरे पर निकले थे। लेकिन रास्ते में अत्यधिक कीचड़ और जलभराव के कारण उनका वाहन आगे नहीं बढ़ सका।
कीचड़ में पैदल चलकर पहुंचे गांव
ऐसे में कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने किसी प्रकार की सुविधा की परवाह किए बिना अपने जूते हाथ में उठाए और कीचड़ से भरे रास्ते पर पैदल चलकर गांव तक पहुंचना उचित समझा। उनका यह कदम इस बात का प्रतीक है कि एक जिम्मेदार जनसेवक कभी भी अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटता, चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों।
जब ग्रामीणों ने एक वरिष्ठ अधिकारी को इस रूप में अपने बीच देखा, तो उन्हें न केवल हैरानी हुई, बल्कि खुशी भी हुई कि शासन व्यवस्था में अब भी ऐसे ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं जो जनता की समस्याओं को समझने स्वयं मैदान में उतरते हैं।
यह तस्वीर अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, और लोग इसे जनसेवा और लोकतंत्र की असली तस्वीर बताते हुए प्रशंसा कर रहे हैं — जहां एक अधिकारी जनता से सीधे संवाद स्थापित कर जमीनी स्तर पर काम करता दिखाई दे रहा है।