


विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में प्रतिवर्ष की तरह ही इस वर्ष भी दीपावली पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। 18 अक्टूबर को धनतेरस शनि प्रदोष के संयोग में आ रही है, जिससे दीपपर्व का शुभारंभ होगा। इस दिन पुजारी, पुरोहित राष्ट्र में सुख, समृद्धि व आरोग्यता की कामना को लेकर बाबा महाकाल की महापूजा करेंगे। मंदिर में 20 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी। 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा होगी। दीपपर्व पर राजा का आंगन रंगोली से सजेगा। आकर्षक विद्युत व पुष्प सज्जा की जाएगी।
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी ने बताया कि महाकाल मंदिर में इस वर्ष दीपपर्व की शुरुआत शनि प्रदोष के संयोग में आई धनतेरस से हो रहा है। शनिवार के दिन त्रयोदशी तिथि होने से शनि प्रदोष का संयोग बनता है। महाकालेश्वर मंदिर की पूजन परंपरा में शनि प्रदोष का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान महाकाल उपवास रखते हैं तथा शाम को 4 बजे विशेष मंत्र व पाठ से उनका अभिषेक पूजन किया जाता है।
अवंतिकानाथ को लगेगा अन्नकूट
महाकाल मंदिर में रूप चतुर्दशी पर दीपावली मनाने की परंपरा है। इस बार 20 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि का महासंयोग बन रहा है। तड़के 4 बजे भस्म आरती में पुजारी भगवान महाकाल को केसर चंदन का उबटन लगाकर गर्म जल से स्नान कराएंगे। पश्चात नवीन वस्त्र सोने, चांदी के आभूषण से विशेष शृंगार किया जाएगा। भगवान को अन्नकूट में पारंपरिक छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी।
गोशाला में होगी गो पूजा
महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में दीपावली के अगले दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर गोवर्धन पूजा की परंपरा है। इस बार कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा 22 अक्टूबर को रहेगी। मंदिर की चिंतामन स्थित गोशाला में गो पूजा होगी। मंदिर में गोवर्धन पूजा भी की जाएगी। गायों की विशेष साज सज्जा तथा उन्हें विशेष प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाएगा।