किसी भी धार्मिक स्थल पर लोगों को बहुत नियमों का पालन करते हुए देखा जाता है। यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति किसी धार्मिक जगह पर जाता है वह अपने पहनावे का भी खास ध्यान रखता है। कम ही लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि भारत में कई मंदिर हैं जहां भक्तों के लिए भी ड्रेस कोड बनाए गए हैं। चलिए ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में जानते हैं।
गुरुवायुर कृष्ण मंदिर
गुरुवायुर कृष्ण मंदिर वो भारत का वो पहला मंदिर है जहां भक्तों के लिए ड्रेस कोड तय किया गया था। केरल में स्थित इस मंदिर में पुरुषों के लिए लूंगी ड्रेस कोड रखा गया है, और लूंगी भी ऐसी जो सीने तक चढ़ाकर बांधी गई हो। वहीं, महिलाएं साड़ी या सूट पहनकर ही भगवान के दर्शन कर सकती हैं।
सिद्धिविनियाक मंदिर
मुंबई में स्थित सिद्धिविनियाक मंदिर में हाल ही में ड्रेस कोड लागू किया गया है। यहां देश-विदेशों से बड़ी-बड़ी हस्तियां गणपति बप्पा के आगे सिर झुकाने आती हैं। वहीं, मंदिर प्रशासन ने अब भक्तों के लिए भारतीय परिधान पहनने का कानून बना दिया है।
बांके बिहारी मंदिर
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भी भक्तों के लिए ड्रेस कोड बनाया गया था। यहां श्रद्धालुओं को हाफ पैंट, चमड़े की बेल्ट और छोटे कपड़े पहनना सख्त मना है। यहां आने वाले भक्तों को भारतीय परिधान पहनने पर ही एंट्री मिल सकती है।
जगन्नाथ मंदिर
ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड बनाया गया है। बताया जाता है कि इस मंदिर में स्कर्ट, हाफ पैंट, जीन्स और शॉर्ट्स पहने हुए लोगों को एंट्री नहीं दी जाती। यहां भी दर्शन करने के लिए भक्तों को भारतीय पारंपरिक परिधान ही पहनने होते हैं। जगन्नाथ मंदिर में यह नियम जनवरी, 2024 से लागू है।
महाकाल मंदिर
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल के मंदिर में भी पुरुषों के लिए धोती और सोला का ड्रेस कोड रखा गया है, जबकि महिलाएं साड़ी पहनकर महाकाल के दर्शन कर सकती हैं। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यहां सितंबर, 2023 से ड्रेस कोड लागू किया गया है।