वॉशिंगटन, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिका ने आप्रवासियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाते हुए सामूहिक निर्वासन शुरू किया है। इसी के तहत अमेरिका से सोमवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान प्रवासियों को लेकर भारत के लिए रवाना हो गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया है कि सी-17 सैन्य विमान प्रवासियों को लेकर रवाना हुआ है। अधिकारी ने बताया कि यह विमान कम से कम 24 घंटे से पहले नहीं पहुंचेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वॉइट हाउस में वापसी के बाद से यह भारत में पहला निर्वासन होगा।
सेना की मदद से निर्वासन अभियान
ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ अभियान में सहायता के लिए अमेरिकी सेना से मदद मांगी है। इसके लिए अमेरिका और मेक्सिको सीमा पर अतिरिक्त सैनिक भेजे हैं। प्रवासियों को वापस भेजने के लिए सैन्य विमान का उपयोग किया जा रहा है और उन्हें रखने के लिए सैन्य अड्डे खोले हैं। निर्वासन उड़ानों से अवैध चिह्नित किए गए प्रवासियों को ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास पहुंचाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सबसे दूर स्थान होगा, जहां डिपोर्टेशन फ्लाइट जाएगी।
ट्रंप और मोदी की आप्रवासन पर चर्चा
ट्रंप ने पिछले महीने शपथग्रहण के बाद पीएम मोदी के साथ पहली फोन वार्ता के बाद बताया था कि उन्होंने आप्रवासन पर चर्चा की है और कहा कि जब अवैध आप्रवासियों को वापस लेने की बात आएगी तो भारत वही करेगा 'जो सही है।' वॉइट हाउस ने बताया था कि दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक बातचीत हुई और उन्होंने दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने और करने को लेकर चर्चा की।