


श्रावण मास हिन्दू धर्म में भगवान शिव को समर्पित एक विशेष एवं अत्यंत पुण्यकारी महीना माना जाता है। इस पावन मास में शिवभक्त व्रत, उपवास, जलाभिषेक और रुद्राक्ष धारण जैसी साधनाओं के माध्यम से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रत्यक्ष स्वरूप कहा गया है, अतः इसे धारण करने का अत्यंत विशेष महत्व है। लेकिन प्रश्न उठता है कि श्रावण मास में रुद्राक्ष धारण के लिए कौन-सा दिन सबसे शुभ होता है?
रुद्राक्ष धारण का शुभ समय
आचार्य परंपरा के अनुसार श्रावण मास में रुद्राक्ष धारण हेतु सोमवार का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। सोमवार भगवान शिव को अर्पित दिन है और विशेषकर श्रावण सोमवार का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में जो साधक रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं, वे श्रावण सोमवार को प्रातः स्नान आदि कर, शुद्ध वस्त्र पहनकर, शिवलिंग के समक्ष रुद्राक्ष को गंगा जल से शुद्ध करके ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए धारण कर सकते हैं।
यदि सोमवार किसी कारणवश संभव न हो, तो अन्य शुभ तिथियों में प्रदोष काल अथवा पुष्य नक्षत्र, या फिर शिवरात्रि के दिन भी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है। परंतु सामान्य नियम के अनुसार श्रावण सोमवार सर्वोच्च माना जाता है।
रुद्राक्ष धारण के पीछे आध्यात्मिक दृष्टि
रुद्राक्ष धारण करने से मन में शांति, मानसिक स्थिरता और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। यह न केवल बाह्य आभूषण है, बल्कि आंतरिक साधना का साधक भी है। ऋषि-मुनियों से लेकर साधारण गृहस्थ तक, सभी के लिए रुद्राक्ष धारण का महत्व उल्लेखित है।
किस प्रकार धारण करें
1. प्रातः काल स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें।
2. रुद्राक्ष को गंगा जल, दूध, शहद से अभिषेक कर शुद्ध करें।
3. ‘ॐ नमः शिवाय’ या ‘ॐ रुद्राय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
4. रुद्राक्ष को कंठ, भुजा या हाथ में धारण करें।