


शनि की साढ़ेसाती को लेकर आमजन में हमेशा चिंता रहती है। ज्योतिष शास्त्र में यह अवधि विशेष रूप से कठिन परीक्षाओं और जीवन के बदलावों से जुड़ी मानी जाती है। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि कुछ आसान धार्मिक और व्यवहारिक उपायों को अपनाकर शनि की टेढ़ी दृष्टि को भी अनुकूल बनाया जा सकता है।
शनि की साढ़ेसाती क्या है?
शनि जब आपकी कुंडली में चंद्रमा के स्थान से 12वें, 1वें और 2वें भाव में होता है, तो यह साढ़ेसाती कहलाती है। यह अवधि लगभग 7.5 वर्षों की होती है और जीवन में कई बदलाव ला सकती है — जैसे करियर में संघर्ष, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ, मानसिक तनाव, आदि।
शनिदेव न्याय के देवता हैं
वे कर्म के अनुसार फल देते हैं। यदि उन्हें सही ढंग से पूजा जाए, तो शनि कृपा से बाधाएं दूर होती हैं और सौभाग्य मिलता है।
ये 7 उपाय बदल सकते हैं आपकी किस्मत:
1. शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं (शनिवार को)
प्रत्येक शनिवार को शनि मंदिर में सरसों का तेल अर्पित करें और शनि स्तोत्र का पाठ करें।
2. काली वस्तुओं का दान करें
काले तिल, काली उड़द, लोहे की वस्तुएं और कंबल का दान गरीबों को करें।
3. हनुमान चालीसा का पाठ करें
शनि देव हनुमान जी से डरते हैं। शनिवार और मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
4. शनिवार को पीपल वृक्ष की पूजा करें
पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर सात परिक्रमा करें और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
5. नीला या काला धागा धारण करें
शनिवार को शुद्ध होकर काले या नीले रंग का धागा दाहिने हाथ में बाँधें।
6. श्रमिकों या बुजुर्गों की सेवा करें
शनि कर्म के ग्रह हैं, मेहनतकश लोगों की सहायता करने से शुभ फल मिलते हैं।
7. सच्चाई और ईमानदारी से जीवन जिएं
झूठ, चोरी और किसी के साथ अन्याय शनि को अप्रसन्न करते हैं। इसलिए नैतिक आचरण बनाए रखें।