


विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की ओर से बुधवार को प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के अनुसार, इस बात की 70 प्रतिशत संभावना है कि 2025-2029 की अवधि के दौरान औसत वैश्विक तापमान आधार रेखा के स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाएगा। अनुमानों में बताया गया है कि 80 प्रतिशत संभावना है कि अगले पांच वर्षों में से कम से कम एक वर्ष 2024 से भी अधिक गर्म वर्ष होगा। वर्ष 2024 रिकॉर्ड पर अब तक का सबसे गर्म साल है। इसके अलावा यह पहला कैलेंडर वर्ष है जिसमें वैश्विक औसत तापमान 1850-1900 के आधार रेखा से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। आधार रेखा उस अवधि को माना जाता है जब जीवाश्म ईंधन के जलने जैसी मानवीय गतिविधियों ने जलवायु को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करना शुरू किया था।
1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा वह लक्ष्य है जिस पर देशों ने 2015 में पेरिस जलवायु सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से बचने के लिए सहमति व्यक्त की थी। पेरिस समझौते में निर्दिष्ट 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा का स्थायी उल्लंघन 20 या 30 वर्ष की अवधि में तापमान की दीर्घकालिक वृद्धि की जानकारी देता है।
दुनियाभर के देशों को इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र जलवायुपरिवर्तन कार्यालय को 2031-2035 की अवधि के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) या राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं के बारे में बतानाजरूरी है। इन जलवायु योजनाओं का सामूहिक उद्देश्य वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखना है।