


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की हालिया बैठक में चीन और अमेरिका के बीच पनामा नहर पर नियंत्रण को लेकर तीखा विवाद देखने को मिला। पनामा नहर विश्व व्यापार का अहम केंद्र है, क्योंकि यह अटलांटिक और प्रशांत महासागर को जोड़ने वाला सबसे छोटा और तेज समुद्री मार्ग प्रदान करती है। ऐतिहासिक रूप से अमेरिका का इस क्षेत्र पर गहरा प्रभाव रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में चीन ने ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ के तहत पनामा में निवेश और आधारभूत संरचना परियोजनाओं को बढ़ावा देकर अपनी मौजूदगी मजबूत की है। इससे अमेरिका को अपने पारंपरिक प्रभाव क्षेत्र में एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
बैठक के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे पर राजनीतिक और आर्थिक दबाव बनाने के आरोप लगाए। अमेरिका ने पनामा की संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर चिंता जताई, जबकि चीन ने अपने निवेश को विकास और सहयोग की दिशा में बताया। पनामा की सरकार फिलहाल संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रही है, लेकिन अगर यह तनाव बढ़ा तो न केवल लैटिन अमेरिका बल्कि वैश्विक समुद्री व्यापार और नौसैनिक सुरक्षा पर भी इसका असर पड़ सकता है। यह विवाद इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में पनामा जैसे छोटे लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देशों को लेकर महाशक्तियों के बीच टकराव और तेज हो सकता है।