


विदेश मामलों की संसदीय समिति ने हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में चीन की बढ़ती मौजूदगी और प्रभाव को लेकर चिंता जताई है। समिति ने कहा है कि यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापक रणनीतिक हिंतों के लिए बहुत बड़ी जोखिम की बात है। समिति ने अपनी रिपोर्ट 'इवैल्यूएशन ऑफ इंडियाज इंडियन ओशन स्ट्रैटजी' नाम से संसद में पेश की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन-पाकिस्तान के बीच बढ़ता नौसैनिक गठजोड़ न सिर्फ संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए है, बल्कि इससे पाकिस्तान की नौसेना का आधुनिकीकरण हो रहा है और यह बहुत बड़ा जोखिम है।
संप्रभुता और स्वतंत्रता की सुरक्षा की बढ़ती चुनौती
विदेश मामलों की संसदीय समिति के मुताबिक हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव और पाकिस्तान के साथ उसके तालमेल को देखते हुए, इस ओर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि, इससे क्षेत्र में शक्ति संतुलन बिगड़ सकता है और भारतीय सामारिक स्वायत्तता के लिए खतरा पैदा हो सकता है और इसपर बाहरियों का दबाव बढ़ सकता है। वहीं, विदेश मंत्रालय ने हिंद महासागर क्षेत्र में मोटे तौर पर तीन चुनौतियों की पहचान की है। ये हैं, भू-राजनीतिक, समुद्री सुरक्षा से संबंधित खतरे और क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी की कमी। रिपोर्ट के अनुसार हिंद महासागर क्षेत्र में भारत जो सामरिक चुनौतियां झेल रहा है, उसके बारे में मंत्रालय ने अपने लिखित जवाब में कहा है, भारत के लिए रणनीतिक चुनौतियों में समुद्री यातायात, समुद्री डकैती, आतंकवाद, नैविगेशन से जुड़ी चिंताओं की वजह से संप्रभुता और स्वतंत्रता की सुरक्षा का जोखिम शामिल हैं।