


टैरिफ को लेकर भारत के साथ मनमानी करने वालेडोनाल्ड ट्रंप का याराना पाकिस्तान के साथ बढ़ रहा है। पाकिस्तान और अमेरिका आतंकवाद से निपटने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। यह सहयोग अफगानिस्तान तक भी बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे अफगानिस्तान में तालिबान सरकार और पड़ोसी देशों पर असर पड़ सकता है। पाकिस्तान की सेना और अफगानिस्तान सरकार के बीच रिश्ते कुछ खास अच्छे नहीं हैं।
भारत,अफगानिस्तान के घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखेगा।तालिबान सरकार ने पिछले एक साल में भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए हैं। उन्होंने विकास परियोजनाओं और स्वास्थ्य क्षेत्र में मदद भी मांगी है। विशेषज्ञों के अनुसार, तालिबान सरकार ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की थी। इससे पाकिस्तान सरकार और सेना हैरान थे। इसके बाद, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने की कोशिश की।
हाल ही में, अमेरिका ने आतंकवाद को रोकने में पाकिस्तान की भूमिका की सराहना की है। अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर आतंकवादी समूहों को रोकने में मदद कर रहा है। मंगलवार को, इस्लामाबाद में पाकिस्तान-US काउंटर-टेररिज्म डायलॉग के बाद दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया।
भारत को रहना होगा अलर्ट
पाकिस्तान और अमेरिका मिलकर आतंकवाद से लड़ने के लिए तैयार हैं। वे अफगानिस्तान में भी मदद कर सकते हैं। भारत को इस पर ध्यान रखना होगा क्योंकि तालिबान सरकार के साथ उसके संबंध सुधर रहे हैं। अमेरिका ने पाकिस्तान की तारीफ की है और कहा है कि वह आतंकवाद को रोकने में अच्छा काम कर रहा है।