सिक्स्थ सेंस क्या है और यह कैसे काम करती है?
छठी इंद्रिय या 'सिक्स्थ सेंस' को अंतर्ज्ञान या मानसिक चेतना भी कहते हैं। सिक्स्थ सेंस के मजबूत होने से हमें साधारण इंद्रियों से परे जाकर समझने की क्षमता मिलती है लेकिन सबमें सिक्स्थ सेंस होने के बावजूद बहुत कम लोगों की सिक्स्थ सेंस मजबूत होती है और बेहद कम लोग ही इसका इस्तेमाल भी कर पाते हैं।
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Sanjay Purohit
Created AT: 08 फरवरी 2025
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छठी इंद्रिय की बात जब भी होती है, तो यह समझना मुश्किल नहीं है कि यहाँ एक ऐसे इन्द्रिय की बात हो रही है जिसकी क्षमताएँ अद्वितीय हैं और जो हमें सामान्य इंद्रियों से परे जाकर समझने की क्षमता प्रदान करती हैं। छठीइन्द्रिय या सिक्स्थ सेंस, हमारे पांच सामान्य इन्द्रियों यानि दृष्टि, श्रवण, स्वाद, गंध और स्पर्श से परे काम करता है। यह हमारे आसपास के वातावरण और परिस्थितियों को अधिक गहराई से समझने में मदद करती है। इसे अंतर्ज्ञान या इंट्यूशन भी कहा जाता है। पाँचों इन्द्रियाँ आमतौर पर सबकी मजबूत होती हैं लेकिन छठी इन्द्रिय बहुत कम लोगों की सक्रिय और मजबूत होती है।

छठी इन्द्रिय काम कैसे करता है?

छठी इन्द्रिय में उन सूक्ष्म संकेतों और आवेगों को पकड़ने की क्षमता है, जो सामान्यत: हमारे पाचं इंद्रियों की पकड़ से बाहर होते हैं। हमारा अवचेतन मस्तिष्क बहुत सारी जानकारियों को जमा करता है, जिन्हें हमारा चेतन मस्तिष्क अक्सर नहीं देख पाता। छठी इन्द्रिय हमारे अवचेतन मस्तिष्क से जुड़कर, हमें सूक्ष्म संकेत और सूचनाएँ प्रदान करती है, जो हमारी सामान्यसमझ से परे होती हैं। छठी इन्द्रिय हमें हमारी आंतरिक आवाज और अनुभूति से जोड़ती है और सही निर्णय लेने में मदद करती है। चेतना के अभाव में अक्सर लोग इस इन्द्रिय को सक्रिय नहीं कर पाते लेकिन जिन्हें समय पर खतरे का आभास होता है, जिन्हें पूर्वानुमान होता है, जो सामने वाली की भावनाओं और अनकही बातों को ठीक से समझ पाते हैं, उनकी छठी इन्द्रिय जागृत होती है क्योंकि वो इस इन्द्रिय के प्रति जागरूक होते हैं और इसकी क्षमता विकसित करने का प्रयास करते रहते हैं।

छठी इन्द्रिय की क्षमताएँ क्या-क्या हैं?

मानसिक चेतना और अंतर्ज्ञान

छठी इंद्रिय उन स्थितियों और घटनाओं का आभास दिलाती है, जिन्हें समझने के लिए सामान्य इंद्रियाँ पर्याप्त नहीं होतीं। जैसे कि कई लोग घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने, ख़तरा भांपने या कई छिपी हुई चीजों को समझने में सक्षम होते हैं। उन्हें यह अंतर्ज्ञान छठी इन्द्रिय के मजबूत होने के कारण ही मिलता है।

सूक्ष्म संकेतों की समझ

छठी इंद्रिय हमें सूक्ष्म संकेतों को समझने में सक्षम बनाती है। ये सूक्ष्म संकेत भावनात्मक, मानसिक या आध्यात्मिक हो सकते हैं। यह हमें लोगों की भावनाओं, उनकी नीयतों और उनके विचारों को समझने में मदद करती है, साथ ही साथ कई बार हमें किसी स्थान या व्यक्ति के बारे में बिना किसी वजह असहज या अजीब महसूस होता है, तो यह भी छठी इन्द्रिय के ख़तरा भांपने की क्षमता के कारण ही होता है। छठी इन्द्रिय हमें सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जाओं को पहचानने में मदद करती है, जिससे हम अपने आस-पास के वातावरण को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। साथ ही छठी इंद्रिय हमें हमारे भीतर छिपी संभावनाओं, परिस्थितियों और लोगों की भावनाओं और नीयतों को समझने में सक्षम बनाती है।

रचनात्मकता और आत्मविकास

अंतर्ज्ञान हमारी रचनात्मकता को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह हमें उन समस्याओं का समाधान बताती है, जो तर्कसंगत सोच से परे होते हैं। साथ ही हमारे अंदर की यह सूक्ष्म समझ हमारी कलात्मक और रचनात्मक क्षमताओं को नई ऊँचाइयों पर ले जाती है। यह हमेंहमारी आंतरिक आवाज और आत्मा की गहराई को समझने में मदद भी करती है।

छठी इन्द्रिय को जागृत करने के तरीके

चेतना हो, जागरूकता हो, अंतर्ज्ञान हो या छठी इन्द्रिय, ये सब एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और इन सबको जागृत करने या मजबूत बनाने का सबसे अच्छा और प्रभावी माध्यम ध्यान और योग है। इसके अलावा आत्मविश्लेषण और आत्मचिंतन के माध्यम से हम अपनी छठी इन्द्रिय को बेहतर समझ सकते हैं और उसे विकसित कर सकते हैं। आप जितना सहज और प्राकृतिक माहौल में रहेंगे, आपकी छठी इन्द्रिय उतनी अधिक सक्रियता से काम करेगी। आप अपनी इन्ट्यूशन को बढ़ाकर, लोगों की वाईब को समझने का प्रयास कर या अपनी गट फीलिंग को मजबूत कर भी सिक्स्थ सेन्स की क्षमता को विकसित कर सकते हैं।

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