


पिछली लगातार दो असफल कोशिशों के बाद स्पेसएक्स ने मंगलवार की शाम अपने मेगा रॉकेट स्टारशिप को फिर से प्रक्षेपित किया। हालांकि, अंतरिक्ष यान इस बार भी यह मुख्य उद्देश्यों से चूक गया, और नियंत्रण से बाहर होकर कई हिस्सों में टूट गया। 123 मीटर लंबे रॉकेट ने टेक्सास के दक्षिणी सिरे पर स्थित स्पेसएक्स के लॉन्च साइट स्टारबेस से अपने नौवें डेमो के लिए उड़ान भरी थी। सीईओ एलन मस्क की स्पेसएक्स ने इस उड़ान के बाद कई और उपग्रहों को छोड़ने की तैयारी की थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में घूमते हुए हिंद महासागर महासागर में अनियंत्रित लैंडिंग की ओर बढ़ गया। स्पेसएक्स ने बाद में पुष्टि की कि अंतरिक्ष यान अनिर्धारित तीव्र गति से फटकर टुकड़े-टुकड़े हो गया।
कंपनी ने बताया- हम अगले परीक्षण की दिशा में काम जारी रखेंगे
कंपनी ने एक ऑनलाइन बयान में कहा, "टीमें डेटा की समीक्षा करना और हमारे अगले उड़ान परीक्षण की दिशा में काम करना जारी रखेंगी।" मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि इस परीक्षण के दौरान पिछले दो डेमो की तुलना में "बड़ा सुधार" दिखा। पिछले परीक्षण में यान अटलांटिक के ऊपर जलते हुए मलबे में बदल गया था। कंपनी ने बताया कि स्टारशिप के लगातार तीसरे असफल प्रक्षेपण के बावजूद मस्क ने वादा किया वे आगे जल्दी प्रक्षेपण करेंगे। अगली तीन उड़ानों की बात करें तो हर तीन से चार सप्ताह में एक स्टारशिप उड़ान भरेगी।
अब तक का सबसे बड़ा व सबसे शक्तिशाली रॉकेट है स्टारशिप
नासा को उम्मीद है कि स्पेसएक्स अगले वर्ष स्टारशिप के साथ बड़ी प्रगति करेगा। यह अब तक का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली रॉकेट है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को वापस चंद्रमा पर उतारा जा सके। अगले साल चार अंतरिक्ष यात्रियों के साथ मूनशॉट चंद्रमा के चारों ओर उड़ान भरेगा, लेकिन उतरेगा नहीं। यह 2027 में ही संभव हो पाएगा और इसके लिए एक स्टारशिप की आवश्यकता होगी। जो दो अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की कक्षा से सतह पर ले जाए और वापस लाए।