


झारखंड पर एक बार फिर से परीक्षा पेपर लीक होने का धब्बा लगा है। ये धब्बा 10वीं बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक होने को लेकर लगा है। झारखंड में दसवीं बोर्ड का पेपर लीक हो जाने के बाद शिक्षा विभाग कटघरे में खड़ा हो गया है। बता दें कि झारखंड में 11 फरवरी से 10वीं बोर्ड की परीक्षा शुरू हुई है। दरअसल हिंदी और साइंस के पेपर लीक होने की जानकारी सामने आई है। इसके बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। लीक के तार कोडरमा और गिरिडीह से जुड़े होने के कारण जिला प्रशासन से जैक बोर्ड ने स्पष्टीकरण मांगा है।
350 रुपये की मांग
बताया जा रहा है कि दो दिन पहले जैक बोर्ड एग्जामिनेशन क्वेश्चन पेपर 2025 नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप क्रिएट किया गया था। इसमें एक स्कैनर का इस्तेमाल करते हुए छात्रों से प्रश्न पत्र देने के एवज में 350 रुपये की मांग की जा रही थी। इस ग्रुप में जुड़ने के लिए इस ग्रुप का लिंक दूसरे सोशल मीडिया साइट्स पर वायरल किया गया और देखते ही देखे उसे लिंक के जरिए क्वेश्चन पेपर वाले ग्रुप से 1000 से ज्यादा लोग जुड़ गए।
राज्य की मुख्य सचिव ने की हाई लेवल मीटिंग
पेपर लीक की जानकारी मिलने के बाद राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने इस मुद्दे पर गुरुवार दोपहर हाई लेवल मीटिंग की। सरकार ने इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने का निर्णय लिया है। वहीं, जैक के अध्यक्ष नटवा हांसदा ने कहा है कि पेपर कैसे लीक हुआ, इसकी जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की जाएगी। इसके पहले हिंदी का प्रश्न पत्र लीक होने की भी पुरजोर चर्चा थी।
बाबूलाल मरांडी ने साधा निशाना
वहीं, इस मामले में पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार पर जोरदार हमला बोला है। मरांडी ने कहा, ”पेपर लीक माफिया के रूप में कुख्यात हेमंत सरकार ने झारखंड को फिर से शर्मसार कर दिया है। शायद यह पहली बार है कि झारखंड में मैट्रिक परीक्षा का पेपर लीक हुआ है। मैट्रिक परीक्षा में पेपर लीक की घटना अस्वीकार्य है। शिक्षा मंत्री और जैक अध्यक्ष नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत अपना इस्तीफा दें। राज्य सरकार इस पेपर लीक कांड के सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें।