अमेरिका की ओर से छात्र वीजा में कमी और कनाडा से भारत के टकराव के बीच भारत और पड़ोसी देशों के छात्र अब दुबई को अपना ठिकाना बना रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और पड़ोसी देशों से दुबई जाने वाले छात्रों की संख्या में 40 गुना की तेजी आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति की सख्ती के बाद अगस्त में अमेरिका ने छात्र वीजा में भारी कमी की। इसका सबसे बड़ा असर भारतीय छात्रों पर पड़ा। उनको जारी होने वाले वीजा में काफी घटे हैं। यूएई व जीसीसी क्षेत्र के डाटा के मुताबिक, दुबई भारतीय छात्रों की पसंदीदा जगह बन रहा है।
दुबई में पश्चिमी देशों के मुकाबले आता है काफी कम खर्च
लेवरेज एडु प्लेटफॉर्म के मुताबिक, दुबई अब भारतीय परिवारों के लिए अमेरिका और ब्रिटेन जैसे पारंपरिक अध्ययन गंतव्यों का एक प्रभावी विकल्प बन रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के दुबई कैंपस अब वैश्विक मान्यता प्राप्त पीजी कार्यक्रम 50,000 से 85,000 दिरहम प्रति वर्ष में दे रहे हैं। यह उनके मूल कैंपस की तुलना में काफी कम है। लंदन या प्रमुख अमेरिकी शहरों की तुलना में दुबई में जीवन-यापन का खर्च भी कम है।